हम मैया के लाडले रहते दुनिया से अनजाने,
हम हैं दादी के दीवाने, हम हैं दादी के दीवाने,
हम मैया के लाडले रहते दुनिया से अनजाने,
हम हैं दादी के दीवाने शेरोवाली के दीवाने……
इस दुनिया में झुंझुनू सा दूजा कोई दरबार नहीं,
जो दादी से मिला है वैसा मिलता कहीं भी प्यार नहीं,
बार बार हम झुंझुनू आते किसी ना किसी बहाने,
हम हैं दादी के दीवाने, शेरोवाली के दीवाने,
हम हैं दादी के दीवाने, झुँझन वाली के दीवाने…..
ये उसकी हो जाती पल में जो बस माँ का ध्यान धरे,
वो कष्टों से दूर रहे जो मैया का गुणगान करे,
पंकज को क्या मिला है माँ से दुनिया ये क्या जाने,
हम हैं दादी के दीवाने, शेरोवाली के दीवाने,
हम हैं दादी के दीवाने, झुँझन वाली के दीवाने……
हम मैया के लाडले रहते दुनिया से अनजाने,
हम हैं दादी के दीवाने, हम हैं दादी के दीवाने,
हम हैं दादी के दीवाने, शेरोवाली के दीवाने……..