श्री खाटू श्याम का प्रसिद्ध भजन: छाये काली घटाये तो क्या इसकी छतरी के नीचे हूँ मैं

(Shri Khatu Shyam ka Famous Bhajan : Chhayi Kaali Ghataye To Kya Uski Chatari Ke Niche Hu Main)

छाये काली घटाये तो क्या, इसकी छतरी के नीचे हूँ मैं
आगे-आगे ये चलता मेरे, मेरे मालिक के पीछे हूँ मैं-2
इसने पकड़ा मेरा हाथ है, मुझको डरने की क्या बात है।।
सांवरा जब मेरे साथ है, मुझको डरने की क्या बात है
इसके रहते कोई कुछ कहे , बोलो किसकी ये औकात है।।
छाये काली घटाये तो क्या, इसकी छतरी के नीचे हूँ मैं-2
आगे-आगे ये चलता मेरे, मेरे मालिक के पीछे हूँ मैं-2
इसने पकड़ा मेरा हाथ है, मुझको डरने की क्या बात है।।
इसकी महिमा का वर्णन करूँ, मेरी वाणी में वो दम नहीं-2
जबसे इसका सहारा मिला, फिर सताये कोई गम नहीं-2
बाबा करता करामाता है, मुझको डरने की क्या बात है।।
क्यों मैं भटकू यहाँ से वहाँ, इसके चरणों में है बैठना-2
झूठ स्वार्थ के रिश्ते सभी, श्याम वेदी से रिश्ता बना-2
ये कराता मुलाकात है, मुझको डरने की क्या बात है।।
जहाँ आनन्द की लगती छड़ी, ऐसी महफिल सजाता है ये-2
बिन्नु जो ना दिवाना बने, ऐसे जलवे दिखाता है ये-2
दिल चुराने में विख्यात है , मुझको डरने की क्या बात है।।
छाये काली घटाये तो क्या, इसकी छतरी के नीचे हूँ मैं
आगे-आगे ये चलता मेरे, मेरे मालिक के पीछे हूँ मैं-2
इसने पकड़ा मेरा हाथ है, मुझको डरने की क्या बात है।।
श्री खाटू श्याम भजन: छाये काली घटाये

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