बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे भजन (Bans ki Basuriya Pe Ghano Itrave Bhajan)
बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे,कोई सोना की जो होती, हीरा मोत्यां की जो होती,जाणे कांई करतो, कांई करतो,बाँस की बाँसुरिया पे….. जेल में जनम लेके घणो इतरावे,कोई महलां में जो होतो, कोई अंगना में जो होतो,जाणे कांई करतो कांई करतो,बाँस की बाँसुरिया पे….. देवकी रे जन्म लेके घणो इतरावे,कोई यशोदा के जो होतो, मां … Read more